OLD Pension Scheme 2025: हाईकोर्ट से 1 झटके में बहाल + लाखों शिक्षकों का सपना सच

Published On: September 10, 2025
Old pension scheme

प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए हाल ही में एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से चल रही उनकी मांगों और संघर्षों के बीच हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का आदेश दिया है। यह फैसला न केवल शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करेगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था में कार्यरत लाखों परिवारों के जीवन में स्थिरता भी लाएगा।

पेंशन किसी भी कर्मचारी के लिए नौकरी के बाद की जीवन सुरक्षा का साधन होती है। पुरानी पेंशन योजना से जुड़ी यह राहत प्राथमिक शिक्षकों के जीवनस्तर को आसान बनाएगी। इस निर्णय ने वर्षों से उपेक्षित महसूस कर रहे शिक्षकों की उम्मीदों को मजबूत किया है।

इस फैसले के बाद शिक्षकों के बीच खुशी और संतोष की लहर दौड़ गई है। साथ ही, इसका असर व्यापक स्तर पर अन्य सरकारी कर्मचारियों पर भी पड़ सकता है।

OLD Pension Scheme

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि प्राथमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। यह उन शिक्षकों पर लागू होगा जिन्हें नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नौकरी दी गई थी और वे लगातार इस बदलाव से आहत थे।

नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को निश्चित लाभ की जगह निवेश आधारित व्यवस्था दी जाती है, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली राशि निश्चित नहीं मानी जाती। इसके चलते शिक्षकों में असुरक्षा की भावना बनी हुई थी। पुराने पेंशन सिस्टम की बहाली के बाद अब उन्हें आजीवन पेंशन की गारंटी मिल सकेगी।

यह फैसला उन शिक्षकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है जिन्होंने अपने पूरे करियर में शिक्षा सेवा को समर्पित किया और अंत में वे अपनी वृद्धावस्था में आर्थिक चिंता में फंस जाते थे। अब सरकार को इस फैसले का पालन करते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू करनी होगी।

पुरानी पेंशन योजना क्या है

पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का मतलब है कि सेवानिवृत्त होने पर शिक्षक को उनके वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में आजीवन मिलता रहेगा। इसके साथ ही महंगाई भत्ते जैसी सुविधाएं भी समय-समय पर पेंशन में जोड़ी जाती हैं।

इस प्रणाली के चलते शिक्षक और उनके परिवार को वित्तीय सुरक्षा मिलती थी। लेकिन साल 2004 के बाद सरकार ने कई विभागों में इसे बंद कर नई पेंशन योजना लागू कर दी थी। नई प्रणाली में कर्मचारी को अपने वेतन का एक हिस्सा सरकारी खाते में जमा करना पड़ता है और भविष्य की पेंशन बाजार की स्थिति पर निर्भर रहती है।

यही कारण था कि सभी कर्मचारी और विशेष रूप से शिक्षक लंबे समय से पुरानी योजना बहाल करने की मांग कर रहे थे।

शिक्षकों की मांग और संघर्ष

शिक्षक संगठन कई वर्षों से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की लड़ाई लड़ रहे थे। धरना-प्रदर्शन, रैलियों और ज्ञापन के माध्यम से लगातार अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाते रहे। उनकी यह चिंता रही कि नई प्रणाली में बुढ़ापे की गारंटी पेंशन की तरह सुरक्षित नहीं है।

जनसंख्या का बड़ा हिस्सा आज भी सरकारी नौकरियों पर आधारित है और शिक्षक समुदाय इसमें सबसे व्यापक समूह है। ऐसा माना जाता है कि यदि शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन शुरू होती है, तो अन्य विभागों के कर्मचारियों पर भी इसका असर पड़ेगा।

सरकार की भूमिका

अब जब हाईकोर्ट का आदेश आ चुका है, तो राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसे जल्द लागू करे। इसके लिए वित्त विभाग और शिक्षा विभाग को मिलकर कार्रवाई करनी होगी। शिक्षकों को अब यह राहत मिल सकती है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें आजीवन एक तय पेंशन दी जाएगी।

इसका असर प्रदेश के बजट पर जरूर पड़ेगा, लेकिन सामाजिक दृष्टिकोण से यह कदम सकारात्मक होगा क्योंकि यह शिक्षकों को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करता है।

सरकार को अब इसके लिए जरूरी अधिसूचना जारी करनी होगी और यह तय करना होगा कि कौन-कौन से शिक्षक इसके दायरे में आएंगे। जो भी शिक्षक नियत तिथि के बाद नियुक्त हुए हैं, उन्हें भी इस फैसले से राहत मिल सकती है।

निष्कर्ष

हाईकोर्ट का यह फैसला प्राथमिक शिक्षकों के लिए बड़ी जीत साबित हुआ है। यह न केवल उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी प्रेरणादायक कदम है।

पुरानी पेंशन योजना बहाली के साथ शिक्षकों में भरोसा और संतोष का माहौल बना है। अब आगे की जिम्मेदारी सरकार और विभागों की है कि वे इस आदेश को जल्द से जल्द लागू करें ताकि शिक्षक समुदाय को वास्तविक राहत मिल सके।

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