भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसानों को अक्सर अपनी आय बढ़ाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों को कम करने और आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का लाभ सीधे छोटे और सीमांत किसानों को मिलता है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा वर्ष 2018 के आखिर में हुई और 2019 से इसे पूरे देश में लागू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता देना है, ताकि वे खेती से जुड़ी जरूरतें आसानी से पूरी कर सकें।
PM Kisan Yojana
इस योजना के अंतर्गत योग्य किसानों को हर वर्ष कुल 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस राशि का वितरण तीन बराबर किस्तों में किया जाता है। प्रत्येक किस्त की राशि 2000 रुपये होती है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रणाली के माध्यम से भेजी जाती है।
अब तक लाखों किसान परिवार इस योजना की किस्तों का लाभ उठा रहे हैं। इन किस्तों ने किसानों को बीज खरीदने, खेती में उर्वरक लगाने और अन्य आवश्यक कार्यों में आर्थिक संबल प्रदान किया है।
पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त
किसानों के बीच सबसे बड़ा सवाल रहता है कि अगली किस्त कब उनके खाते में आएगी। सरकार समय-समय पर किस्तों की तिथि घोषित करती है। इसी क्रम में 21वीं किस्त को लेकर नई जानकारी सामने आई है। केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त की तिथि घोषित कर दी गई है।
इस बार भी किसानों के खाते में 2000 रुपये की राशि भेजी जाएगी। यह राशि केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी जिन्होंने योजना के लिए पंजीकरण कराया हुआ है और जिनका खाता और आधार विवरण पूरी तरह सत्यापित है।
21वीं किस्त की राशि कब आएगी
21वीं किस्त को लेकर उम्मीद है कि यह निर्धारित तिथि पर सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंच जाएगी। किसानों को समय पर आर्थिक सहयोग देने के लिए सरकार ने विशेष तैयारी की है। इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बैंक खातों और आधार की जानकारी में किसी प्रकार की त्रुटि न हो।
जो किसान पहले से योजना का लाभ ले रहे हैं उन्हें किस्त स्वतः मिल जाएगी। नए किसानों को ई-केवाईसी और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करके इस योजना का हिस्सा बनना होगा।
पीएम किसान योजना का लाभ किसे मिलता है
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं छोटे और सीमांत किसानों को मिलता है जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की जमीन है। योजना का उद्देश्य उन्हीं किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना है जो खेती में पूरी तरह निर्भर हैं।
कुछ श्रेणियों को इस योजना से बाहर रखा गया है। इनमें सरकारी कर्मचारी, आयकरदाता, बड़े जमींदार या अन्य पेशों से जुड़े व्यक्ति आते हैं। योजना का मकसद केवल जरूरतमंद किसान परिवारों तक राहत पहुंचाना है।
योजना में पंजीकरण और प्रक्रिया
अगर कोई किसान इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसे सबसे पहले पंजीकरण करना होगा। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या कृषि विभाग कार्यालय में जाकर पंजीकरण करा सकते हैं।
पंजीकरण के समय किसान को आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, जमीन का दस्तावेज और मोबाइल नंबर देना जरूरी होता है। पंजीकरण के बाद किसानों को नियमित रूप से ई-केवाईसी पूरी करनी होती है ताकि भविष्य की किस्तें समय पर मिलती रहें।
किसानों के लिए इस योजना का महत्व
पीएम किसान योजना का लाभ न केवल आर्थिक रूप से किसानों की मदद करता है बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है। किसानों को मिलने वाली यह राशि खेती की लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने में बहुत सहायक सिद्ध होती है।
इसके अलावा, सरकार द्वारा प्रत्येक किस्त समय पर पहुंचाने से किसानों को यह विश्वास मिलता है कि सरकार उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर है। इस योजना ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की प्रणाली को भी पारदर्शी बनाने में मदद की है।
निष्कर्ष
पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त किसानों के लिए एक और बड़ी राहत साबित होगी। यह योजना खेती को आसान बनाने और छोटे किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रही है। जो किसान अभी तक योजना से जुड़ नहीं पाए हैं, उन्हें जल्द से जल्द पंजीकरण कर लाभ उठाना चाहिए।