PNB New Rule 2025: खाताधारकों के लिए बड़ा तोहफ़ा, नया नियम तुरंत लागू

Published On: September 5, 2025
Punjab national bank

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने जुलाई 2025 से अपने खाताधारकों के लिए एक बड़ा और खुशी देने वाला नया नियम लागू किया है। इस नए नियम के अनुसार, बैंक द्वारा बचत खातों में न्यूनतम औसत शेष राशि (Minimum Average Balance – MAB) न रखने पर लगने वाले दंडात्मक शुल्क यानी पेनल्टी शुल्क को पूरी तरह से हटा दिया गया है। यह पहल खासतौर पर महिलाओं, किसानों और कम आय वाले परिवारों जैसे प्राथमिकता वाले वर्गों की मदद के लिए की गई है ताकि वे बिना वित्तीय दबाव के बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें।

बैंक ने यह कदम वित्तीय समावेशन और ग्राहक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण माना है। बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अशोक चंद्रा ने कहा कि यह निर्णय समावेशी बैंकिंग के प्रति उनका मजबूत संकल्प दिखाता है। पेनल्टी शुल्क को हटाकर वे ग्राहकों पर वित्तीय बोझ कम करना चाहते हैं ताकि अधिक से अधिक लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में आ सकें और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बढ़े। यह एक ग्राहक-केंद्रित कदम है जो बैंक की सामाजिक जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।

PNB New Rule

इस नए नियम का मूल उद्देश्य उन लोगों को वित्तीय राहत देना है जो जारी धनराशि का न्यूनतम संतुलन बनाए रखने में असमर्थ रहते हैं। इससे न केवल उनका बैंक खाता निष्क्रिय होने या बंद होने का खतरा कम होगा, बल्कि उन्हें बैंकिंग सेवाओं का आसानी से उपयोग करने में भी सहूलियत होगी।

यह रियायत विशेष रूप से महिलाओं, किसानों और निम्न आय वर्ग की परिवारों के लिए फायदेमंद साबित होगी क्योंकि ये वर्ग अक्सर महीने-दर-महीने न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने के लिए आर्थिक दिक्कतों का सामना करते हैं। इससे उन्हें बैंक से जुड़ी योजनाओं और सुविधाओं का बेहतर लाभ मिलेगा और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।

इसका एक अतिरिक्त पहलू यह भी है कि इससे बैंक के सामने अधिक ग्राहक जुड़ेंगे और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। पीएनबी जैसे बड़े बैंक द्वारा यह कदम पूरे देश में आर्थिक समानता और समावेशन को प्रोत्साहित करेगा।

इस योजना से क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?

इस नियम के तहत अब पीएनबी के बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की बाध्यता खत्म हो गई है। खाताधारकों को माइनिमम बैलेंस कम या न होने पर कोई भी पेनल्टी फाइन नहीं देना होगा। इसके चलते अब वे बिना किसी चिंता के अपने खाते का उपयोग कर सकते हैं।

इसके साथ ही, बैंक ने खाताधारकों के लिए कई डिजिटल सुविधाओं को भी बढ़ावा दिया है। ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल ऐप (PNB One) और नेट बैंकिंग के जरिए खाते का प्रबंधन कहीं भी और कभी भी किया जा सकेगा। यह सुविधा ग्राहकों के लिए लेन-देन और अन्य बैंकिंग गतिविधियों को आसान बनाएगी।

इस योजना के तहत जनधन खातों को भी राहत मिली है। इससे पहले जनधन खाताधारकों को न्यूनतम बैलेंस पर पेनल्टी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब यह शुल्क खत्म होने से जनधन खाताधारकों को भी सुविधा मिली है।

बैंकिंग में समावेशन और सरकार की भूमिका

पंजाब नेशनल बैंक का यह कदम सरकार की वित्तीय समावेशन नीति के अनुरूप है। सरकार ने हमेशा कोशिश की है कि बैंकिंग सेवाएं हर आम नागरिक तक पहुंचें, खासकर उन तक जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

यह पहल प्रधानमंत्री जन धन योजना, महिला सशक्तिकरण, और किसान कल्याण योजनाओं के लिए भी सहायक बनेगी। जब खाताधारकों को मासिक न्यूनतम राशि बनाए रखने की चिंता नहीं होगी, तो वे वित्तीय लेनदेन में अधिक सक्रिय और सशक्त बनेंगे।

सरकार की ओर से अनुदान, सब्सिडी और ऋण सहूलियत जैसी योजनाएं भी इस समावेशन को बढ़ावा देती हैं, जिनका लाभ अब खाताधारक बिना पेनल्टी के उठा सकेंगे।

PNB में खाता खोलने और लाभ उठाने का तरीका

पीएनबी का नया नियम सभी बचत खातों पर लागू है। नया खाता खोलने या मौजूदा खाते को अपडेट करने के लिए, ग्राहकों को अपनी केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी करनी होगी। KYC अपडेट का अंतिम समय भी निर्धारित किया गया है जिससे खाताधारक अपनी जानकारी बैंक में समय पर जमा कर सकें।

नई सुविधा का लाभ पाने के लिए ग्राहक ऑनलाइन या बैंक शाखाओं में जाकर आवेदन कर सकते हैं। पीएनबी की मोबाइल ऐप और नेट बैंकिंग से केवाईसी अपडेट और खाता सुविधाओं का इस्तेमाल भी आसानी से किया जा सकता है।

इस नियम के बाद खाताधारकों को न्यूनतम बैलेंस न रखने के कारण झेलनी वाली दिक्कत समाप्त हो जाएगी और वे बिना किसी शर्त के बैंक के डिजिटल और ऑफलाइन दोनों सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

निष्कर्ष

पंजाब नेशनल बैंक का यह नया नियम उनके खाताधारकों के लिए बड़ा तोफा है जो वित्तीय बोझ को कम करके बैंकिंग सेवाओं को सभी के लिए आसान और सुलभ बनाता है। यह बदलाव खासतौर पर कमजोर वर्गों के लिए बहुत लाभकारी होगा और भारत में वित्तीय समावेशन को मजबूत करेगा। बैंक की यह पहल समावेशी और ग्राहक-केन्द्रित बैंकिंग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की मिसाल है।

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